REET Rajasthan Eligibility Examination for Teachers
गेस पेपर
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1-बाल अध्ययन आन्दोलन का जन्मदाता कौन
था
(A) पेस्तालोजी
(B) स्टेनले हाल
(C) वैगनर
(D) कैटल
(B) व्याख्या - 19वीं
सदी में अमेरिका में बाल अध्ययन आन्दोलन चला। इस आन्दोलन के
जन्मदाता स्टेनले हाल थे।
2 निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा
का अधिकार अधिनियम-2009 भारत में किस तिथि से लागू हुआ
है
(A) 01 अप्रैल,
2009
(B) 01 अप्रैल, 2010
(C) 01 अप्रैल,
2011
(D) 01 अप्रैल, 2012
(B) व्याख्या - निःशुल्क
व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम2009
भारत में 01 अप्रैल, 2010 से जम्मू कश्मीर
को छोड़कर समस्त भारत में लागू हो गया है।
3. एक छात्र
बार-बार निर्देशन के बावजूद कक्षा
में सभी छात्रों के साथ पढ़
नहीं सकता है, वह बालक है
(A) पिछड़ा बालक
(B) मंद बुद्धि
बालक
(C) अपराधी बालक
(D) कुसमायोजित
(D) व्याख्या- जो
बालक अपने आपको वातावरण में समायोजित नहीं रख सकता वह
कुसमायोजित बालक होता है।
4“विकास बड़े होने तक ही सीमित
नहीं है। वस्तुतः यह तो व्यवस्थित
तथा समानुगत प्रगतिशील क्रम है जो परिपक्वता
प्राप्ति में सहायक है।" उपर्युक्त परिभाषा किस विद्वान की
(A) हैरिस
(B) हरलॉक
(C) गैसल
(D) जेम्स ड्रेवर
(B) व्याख्या विकास
चिंतन का मूल है।
यह बहुमुखी क्रिया है और इसमें
केवल शरीर के अंगों के
विकास का नहीं वरन्
सामाजिक, सांवेगिक अवस्थाओं में होने वाले परिवर्तनों को भी शामिल
किया जाता है।
5. भारत में
सर्वमान्य बाल्यकाल अवधि है
(A) जन्म से 5 वर्ष
(B) 2 से 8 वर्ष
(C) 6 से 12 वर्ष
(D) 4 से 12 वर्ष
(C) व्याख्या भारत
में विकास की सर्वमान्य अवस्थाएँ
निम्न प्रकार है
1. शैशवकाल -
जन्म से 5 वर्ष तक
2. बाल्यकाल
- 6 वर्ष
से 12 वर्ष
3. किशोरावस्था
- 12 वर्ष से 19 वर्ष
4. युवावस्था
- 19 वर्ष से अधिक
6. बाल्यावस्था
को 'छदम परिपक्वता काल' मानने वाले विद्वान
(A) रॉस
(B) हॉल
(C) क्रो व
क्रो
(D) सिम्पसन
(A) व्याख्या - रॉस
ने बाल्यावस्था को 'छदम परिपक्वता का काल' कहा
है क्योंकि 6-7 वर्ष की आयु में
बालक के विकास में
स्थिरता आ जाती है।
7. शिक्षा के
अधिकार अधिनियम-2009 के अन्तर्गत कोई
व्यक्ति जो बिना मान्यता
के विद्यालय संचालित करता है। उस पर कितनी
राशि के जुर्माने का
प्रावधान है
(A) 10 हजार रुपये तक
(B) 1 लाख रुपये तक
(C) 10 लाख रुपये
तक
(D) इनमें से कोई नहीं
(B) व्याख्या निरन्तर
उल्लंघन की दशा में
उसे दस हजार रुपये
प्रतिदिन के दण्ड का
भागी बनाया जा सकता है।
8. विकास की
कौनसी अवस्था को ‘एज ऑफ ब्यूटी'
कहा जाता है
(A) शैशवावस्था
(B) बाल्यावस्था
(C) किशोरावस्था
(D) उपर्युक्त
सभी
(C) व्याख्या - किशोरावस्था
(12 से 19 वर्ष) को कई विद्वान
एज ऑफ ब्यूटी' कहते
हैं। वही पाश्चात्य विद्वानों ने इसे 'टीन
एज' कहा है।
9. निम्न में
कौनसी अवस्था में बालकों में सूक्ष्म चिंतन प्रारम्भ हो जाता है
(A) शैशवावस्था
(B) बाल्यावस्था
(C) किशोरावस्था
(D) उपर्युक्त
में से कोई नहीं
(B) व्याख्या
- बाल्यावस्था में सूक्ष्म चिंतन का प्रारम्भ हो
जाता है। बालक समस्या पर चिंतन के
कारण तथा निदान खोजने का प्रयत्न करता
है।
10. किशोरावस्था
को 'अपराध प्रकृति के विकास का
नाजुक काल' किस विद्वान ने कहा है
(A) वेलेन्टाइन
(B) सोरेन्सन
(C) टेलफोर्ड
(D) वुडवर्थ
(A) व्याख्या
हॉल ने किशोरावस्था को
'बड़े संघर्ष, तनाव, तूफान एवं संघर्ष की अवस्था' कहा
है। वेलेन्टाइन ने इस अवस्था
को 'अपराध प्रवृत्ति के विकास का
नाजुक काल' कहा है।
11. एक बालक अपने घर को बताते
समय गलत दिशा की ओर संकेत
करता है, बालक की यह अधिगम
सम्बन्धी समस्या किस प्रकार की अक्षमता है
(A) एकाग्रता
की कमी
(B) स्मृति की कमी
(C) प्रक्रमण
सम्बन्धी समस्या
(D) पढ़ने की
अक्षमता
(C) व्याख्या दिशा,
संख्या आदि का सही निरूपण
न कर पाना प्रक्रमण
सम्बन्धी अक्षमता है।
12. बहरे बच्चों
के लिये भाषा शिक्षण की सर्वोत्तम विधि
है—
(A) ओष्ठ अध्ययन
(B) ब्रेल लिपि
(C) लिखित अध्ययन
(D) सभी
(A) व्याख्या
बहरे बच्चों के लिये विशेष
स्कूलों में ओष्ठ अध्ययन विधि द्वारा शिक्षा दी जाती है
जिनमें जेना, निची तथा मुलर-वले विधि प्रमुख हैं।
13. बुद्धि के
बहु कारक (Multi Factor) सिद्धान्त के प्रवर्तक माने
जाते हैं
(A) अल्फ्रेड
बिने
(B) थर्सटन व
कैली
(C) थार्नडायक
(D) थामसन
(C) व्याख्या
थार्नडायक ने सामान्य योग्यता
की सत्ता को स्वीकार नहीं
किया। इसे बालू सिद्धान्त भी कहते हैं
14. मानव विकास का क्रम चलता
है
(A) गर्भावस्था
तक
(B) बाल्यवस्था तक
(C) किशोरावस्था
तक
(D) प्रौढ़ावस्था
तक
(D) व्याख्या
- सतत विकास सिद्धान्त के अनुसार मानव
के विकास का क्रम गर्भावस्था
से लेकर प्रौढ़ावस्था तक चलता है।
15. निम्न में
से कौनसा विकास को प्रभावित करने
वाले आनुवांशिक कारक है
(A) प्रजाति
(B) लिंग
(C) बुद्धि
(D) उपर्युक्त
सभी
(D) व्याख्या
- मानव विकास को प्रभावित करने
वाले दो प्रमुख कारक
माने गये हैं—(i)
आनुवंशिक कारक (ii) वातावरणीय कारक। विकास को प्रभावित करने
वाले प्रमुख आनुवांशिक कारक निम्न प्रकार है-(i) प्रजाति (ii) बुद्धि (iii) लिंग (iv) आनुवांशिक विकार (v) वृद्धि सामर्थ्य।
16. भिन्नता के
नियम के अनुसार एक
ही माता-पिता की संतानें
(A) सभी संतानें एक जैसी होती
हैं।
(B) सभी संतानें एक-दूसरे से
भिन्न होती हैं।
(C) प्रथम दो संतान भिन्न
होती है।
(D) प्रथम दो
संतान समान होती है।
(B) व्याख्या गर्भाधान
के समय जीन्स भिन्न-भिन्न प्रकार से संयुक्त होते
हैं। अतः एक ही माता-पिता की संतानों में
भिन्नता दिखाई देती है। यही भिन्नता का नियम है।।
17. परीक्षा में
असफल होने पर छात्र द्वारा
स्कूल में पढ़ाई न होने की
बात कहना, रक्षा युक्ति को कहा जायेगा
(A) औचित्य स्थापन
(B) आक्रामकता
(C) प्रत्यावर्तन
(D) दमन
(A) व्याख्या
युक्तिकरण औचित्य स्थापन (Rationalization) असफलता के वास्तविक कारणों
के स्थान पर कोई मिथ्या
तर्क देकर अपनी असफलता का दोष छिपाना
है।
18. प्रतिभाशाली बालक
के सम्बन्ध में कौनसा कथन सत्य है
(A) प्रतिभाशाली
बालक सृजनशील, उत्साही, सुसमायोजित व तीव्र बुद्धि
वाला होता है।
(B) प्रतिभाशाली बालक
अनुशासन प्रिय, सुदृढ़, सांवेगिक परन्तु मध्यम बुद्धि लब्धि वाला होता है।
(C) प्रतिभाशाली बालक
सृजनशील, कल्पनाशील, जिज्ञासु व भावुक होता
है।
(D) प्रतिभाशाली बालक
कुशाग्र बुद्धि, अद्भुत कार्य कुशल व सांवेगिक दृष्टि
से सुदृढ़ होता है।
(D व्याख्या सृजनशील बालक प्रतिभाशाली होता है, परन्तु प्रत्येक प्रतिभाशाली सृजनशील भी हो, यह
आवश्यक नहीं है।
19. शिक्षक से डांट खाकर अपने छोटे भाई-बहनों पर भड़ास निकालना, कहा जायेगा
(A) प्रतिगमन
(B) आक्रामकता
(C) प्रत्यावर्तन
(D) विस्थापन
(D व्याख्या विस्थापन या पलायन एक
ऐसी रक्षा युक्ति है जिसमें व्यक्ति
कष्टपूर्ण स्थिति या समस्या का
सामना करने के स्थान पर
उसकी प्रतिक्रिया अन्यत्र प्रकट करता है।
20. निम्न में
से कौनसा वंशानुक्रम का नियम है
(A) बीजकोषो की निरन्तरता का
नियम
(B) भिन्नता का नियम
(C) प्रत्यागमन
का नियम
(D) उपर्युक्त सभी
(D) व्याख्या वंशानुक्रम
या आनुवांशिकता के निम्न नियम
माने गये हैं—(i)
बीज कोषो की निरन्तरता का
नियम (ii) अर्जित गुणों के संक्रमण का
नियम (iii) प्रत्यागमन का नियम (iv) समानता
का नियम (v) भिन्नता का नियम (vi) मैंडल
का नियम।।
21 “व्यवहार के फलस्वरूप व्यवहार
में किसी प्रकार का परिवर्तन आना
ही अधिगम है।' अधिगम की यह परिभाषा
किसके द्वारा दी गई है
(A) क्रो व क्रो
(B) वुडवर्थ
(C) गिलफोर्ड
(D) गेटस व अन्य
(C) व्याख्या अधिगम व्यवहार में अपेक्षाकृत स्थायी परिवर्तन को कहा जाता है जो अभ्यास या अनुभूति के परिमाणस्वरूप है। इसका उद्देश्य व्यक्ति को समायोजन में सहायता देना है। यह परिभाषा जे.पी. गिलफोर्ड द्वारा दी गई है।
22. निम्न में
कौनसा अधिगम सिद्धान्त सीखने पर अधिक बल
देता है
(A) प्रयास व त्रुटि का
सिद्धान्त
(B) शास्त्रीय
अनुबंध का सिद्धान्त ।
(C) क्रिया-प्रसूत अनुबंध का सिद्धान्त
(D) सूझ का सिद्धान्त
(A) व्याख्या
प्रयास व त्रुटि के
सिद्धान्त का प्रतिपादन ए.एल. थॉर्नडाइक ने किया था।
इस सिद्धान्त में सर्वाधिक बल करके सीखने
पर दिया जाता है।
23. एक बालक नीची पिछली कक्षा के छात्र के समान शैक्षिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है, वह बालक है
(A) पिछड़ा बालक
(B) मंद बुद्धि बालक
(C) अपराधी बालक
(D) असमायोजित बालक
(A) व्याख्या बर्ट
ने अपनी पुस्तक 'बैकवर्ड चाइल्ड' में लिखा है कि जो
बालक अपनी नीची सीढ़ी की कक्षा का
कार्य करने में असमर्थ हो वह पिछड़ा
बालक है।
24. चयन प्रश्न
में शामिल नहीं है।
(A) बहुविकल्प
प्रश्न
(B) सत्य असत्य
प्रश्न
(C) मिलान प्रश्न
(D) रिक्त स्थान
पूर्ति प्रश्न
व्याख्या रिक्त स्थान पूर्ति प्रश्न प्रत्यास्मरण प्रश्न होते हैं जबकि चयन प्रश्न अभिज्ञान प्रश्न।
25. बी.एफ. स्किनर ने कौनसे सिद्धान्त
का प्रतिपादन किया
(A) कार्यात्मक
प्रतिबद्धता का सिद्धान्त
(B) उद्दीपक प्रतिक्रिया
का सिद्धान्त
(C) अनुकूलित
अनुक्रिया सिद्धान्त
(D) सम्बन्ध का
सिद्धान्त
(A) व्याख्या अमेरिका
के मनोवैज्ञानिक बी.एफ. स्किनर
ने 1938 में सक्रिय अनुबंध के सिद्धान्त का
प्रतिपादन किया।
26. कोफ्का व
कोहलर का सम्बन्ध निम्न
में से किस सिद्धान्त
से है
(A) गेस्टाल्टवाद
(B) क्रिया-प्रसूत
सिद्धान्त
(C) अनुकूलित
अभिक्रिया के सिद्धान्त ।
(D) सामाजिक अधिगम सिद्धान्त
(A) व्याख्या
गेस्टाल्टवादी या समग्रवादी सम्प्रदाय
के प्रवर्तक मैक्स वर्दीमर, कोफ्का व कोहलर थे।
इस सिद्धान्त के अनुसार प्राणी
किसी क्रिया को आंशिक रूप
से नहीं अपितु समग्र रूप से सीखता
27. जीन पियाजे ने संज्ञानात्मक विकास
की कितनी अवस्थाएँ बताई हैं
(A) 1
(B)2
(C)3
(D)4
(D व्याख्या जीन पियाजे ने संज्ञानात्मक विकास
की चार अवस्थाएँ बताई हैं
1. संवेदी पेशीय अवस्था-जन्म से 2 वर्ष
2. पूर्व संक्रियात्मक अवस्था-2 से 7 वर्ष
3. मूर्त संक्रियात्मक
अवस्था—7 से
12 वर्ष
4. औपचारिक संक्रियात्मक
अवस्था-12 से 15 वर्ष
28. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या
रूपरेखा, 2005 में भारत की धार्मिक एवं
सांस्कृतिक विविधता को मनाना स्त्रियों
के प्रति सम्मान एवं जिम्मेदारी का दृष्टिकोण को
बढ़ाने के प्रोग्राम का
आयोजन एवं वृत्त चित्र तथा फिल्मों को एकत्र
करना एवं दिखाना जिनके माध्यम से न्याय एवं
शान्ति में वृद्धि हो, को सुझाया गया
है ताकि
(A) शान्ति की शिक्षा दी
जा सके
(B) मूल्यों की
शिक्षा दी जा सके
(C) नागरिकता की
शिक्षा दी जा सके
(D) इनमें से
कोई नहीं
(A) व्याख्या
शांति के लिए शिक्षा
नैतिक विकास के साथ उन
मूल्यों, दृष्टिकोणों और कौशल के
पोषण पर बल देती
है जो प्रकृति और
मानव जगत के मध्य सामंजस्य
बैठाने के लिए आवश्यक
है। उपरोक्त
सभी गतिविधियाँ शांति स्थापना के लिए आवश्यक
मानी गई है।
29. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या
रूपरेखा 2005 में गुणवत्ता आयाम' शीर्षक के अन्तर्गत अधिक
महत्त्व दिया गया है
(A) भौतिक संसाधनों को
(B) शिक्षित एवं
अभिप्रेरित अध्यापकों को
(C) बालकों के लिये ज्ञान
के संदर्भ में संरचित अनुभवों को
(D) बालकों के
लिये संरचित अनुभव एवं पाठ्यक्रम सुधार को
(D) व्याख्या - राष्ट्रीय
पाठयचर्चा रूपरेखा 2005 के द्वारा बाल
केन्द्रित शिक्षा पर बल दिया
गया। इसमें शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए अध्यापक
प्रशिक्षणों तथा पाठ्यक्रम सुधार पर बल दिया
जा रहा है।
30. बालक में
चिंतन के कितने प्रकार
बताये गये हैं
(A)2
(B) 4
(C)6
(D) 8
(B) व्याख्या
बालक में चिंतन के निम्न चार
प्रकार बताये गये हैं
1. प्रत्याक्षात्मक
चिंतन (मूर्त चिंतन)
2. अमूर्त चिंतन
(अप्रत्याक्षात्मक चिंतन)
3. सृजनात्मक चिंतन
(काल्पनिक चिंतन)
4. साहचर्यात्मक चिंतन
(अनिर्देशित चिंतन)
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्न
31 से 35 के उत्तर दीजिएजिन
कर्मों में किसी प्रकार का कष्ट या
हानि सहने का साहस अपेक्षित
होता है उन सबके
प्रति उत्कण्ठापूर्ण आनन्द उत्साह के अन्तर्गत लिया
जाता है। कष्ट या हानि के
भेद के अनुसार उत्साह
के भी भेद हो
जाते हैं। साहित्य-मीमांसकों ने इसी दृष्टि
से युद्धवीर, दान-वीर, दया-वीर इत्यादि भेद किए हैं। इनमें सबसे प्राचीन और प्रधान युद्ध
वीरता है जिसमें आघात,
पीड़ा क्या मृत्यु तक की परवाह
नहीं रहती।
इस
प्रकार की वीरता का
प्रयो
इस प्रकार की वीरता का प्रयोजन अत्यन्त प्राचीन काल से पडता चला आ रहा है, जिसमें साहस और प्रयत्न दोनों चरम उत्कर्ष पर पहँचते हैं। पर केवल कष्ट या पीड़ा सहन करने के साहस में ही उत्साह का स्वरूप स्फूर्ति नहीं होती, उसके साथ आनन्दपूर्ण प्रयत्न या उसकी उत्कण्ठा का योग चाहिए।
बिना बेहोश हुए भारी फोड़ा चिराने को तैयार होना साहस कहा जाएगा, पर उत्साह नहीं। इसी प्रकार चुपचाप, बिना हाथ-पैर हिलाए, घोर प्रहार सहने के लिए तैयार रहना साहस और कठिन-से-कठिन प्रहार सहकर भी जगह से न हटना धीरता कही जाएगी। ऐसे साहस और धीरता को उत्साह के अन्तर्गत तभी ले सकते है जबकि साहसी या धीर उस काम को आनन्द के साथ करता चला जाएगा जिसके कारण उसे इतने प्रहार सहने पड़ते हैं।
सारांश यह है कि आनन्दपूर्ण
प्रयत्न या उसकी उत्कण्ठा में ही उत्साह का
दर्शन होता है, केवल कष्ट सहने के निश्चेष्ट साहस
में नहीं। धृति और साहस दोनों
का उत्साह के बीच संचरण
होता है।
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31. निम्न में
से किस शब्द में 'इत' प्रत्यय का प्रयोग हुआ
है
(A) अपेक्षित
(B) वीरता
(C) धीरता
(D) वीरता
(A) व्याख्या अपेक्षित
शब्द का निर्माण अपेक्षा+इत से हुआ
है।
32. “साहित्य-मीमांसकों
ने इसी दृष्टि से युद्ध-वीर,
दान-वीर, दया-वीर इत्यादि भेद किए हैं?' रेखांकित शब्द साहित्यमीमांसक है
(A) व्यक्तिवाचक
संज्ञा
(B) जातिवाचक
संज्ञा
(C) भाववाचक संज्ञा
(D) द्रव्यवाचक
संज्ञा
(B) व्याख्या - जिस
संज्ञा शब्द से किसी प्राणी,
वस्तु या स्थान के
समूह या पूरे वर्ग
का बोध होता है उसे जातिवाचक
संज्ञा कहते हैं।
33. 'प्रभावोत्पादक' शब्द
में कौनसी संधि है
(A) दीर्घ संधि
(B) गुण संधि
(C) व्यंजन संधि
(D) विसर्ग संधि
(B) व्याख्या
- ‘प्रभावोत्पादक' में गुण संधि है, इसका संधि विच्छेद होगा-प्रभाव+उत्पादक।
34. निम्न में
से तत्सम शब्द है
(A) धृति
(B) सीतल
(C) सूखा
(D) सिर
(A)व्याख्या - 'धृति'
का तद्भव होगा-धैर्य।
35. निम्न में
से अविकारी शब्द है
(A) लोभ
(B) लोग
(C) गुलदस्ता
(D) परन्तु
(D) व्याख्या
: अविकारी वे शब्द है
जो काल, लिंग, वचन आदि के प्रभाव से
मुक्त रहते हैं अर्थात् जिनके रूप में कोई परिवर्तन नहीं होता, उन्हें अव्यय भी कहते हैं।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्न 36 से 40 के उत्तर दीजिएप्रेम और श्रद्धा में अन्तर यह है कि प्रेम स्वाधीन कार्यों पर उतना निर्भर नहीं-कभी-कभी किसी का रूप या, जिसमें उसका कुछ भी हाथ नहीं. उसके प्रति प्रेम उत्पन्न होने का कारण होता है, पर श्रद्धा नहीं उत्पन्न होगी, प्रीति उत्पन्न हो सकती है। प्रेम के लिए इतना ही बस है कि कोई मनुष्य हमें अच्छा लगे, पर श्रद्धा के लिए आवश्यक यह है कि मनुष्य किसी बात में बढ़ा हुआ होने के कारण हमारे सम्मान का पात्र हो।
श्रद्धा का व्यापार-स्थल विस्तृत है, प्रेम का एकांत । प्रेम में घनत्व अधिक है और श्रद्धा में विस्तार । किसी मनुष्य से प्रेम रखने वाले दो ही एक मिलेंगे, पर उस पर श्रद्धा रखने वाले सैकड़ों, हजारों लाखों क्या करोड़ों मिल सकते हैं। सच पूछिए तो इसी श्रद्धा के आश्रय में उन कर्मों के महत्त्व का भाव दृढ़ होता रहता है
जिन्हें धर्म कहते हैं और जिनमें मनुष्य-समाज की स्थिति है। कर्त्ता से बढ़कर कर्म का स्मारक दूसरा नहीं। कर्म की क्षमता प्राप्त करने के लिए बार-बार कर्त्ता ही की ओर आँख उठती है। कर्मों से कर्त्ता की स्थिति को जो मनोहरता प्राप्त हो जाती है उस पर मुग्ध होकर बहुत से प्राणी उन कर्मों की ओर प्रेरित होते हैं।
कर्ता अपने सत्कर्म द्वारा एक विस्तृत क्षेत्र
में मनुष्य की सवृत्तियों के
आकर्षण का एक शक्ति
केन्द्र हो जाता है।
जिस समाज में किसी ऐसे ज्योतिष्मान शक्ति केन्द्र का उदय होता
है उस समाज में
भिन्न-भिन्न हृदयों से शुभ भावनाएँ
मेघ-खण्डों के समान उठकर
तथा एक ओर और
एक साथ अग्रसर होने के कारण परस्पर
मिलकर, इतनी घनी हो जाती हैं
कि उनकी घटा-सी उमड़ पड़ती
है और मंगल की
ऐसी वर्षा होती है कि सारे
दुःख और क्लेष बह
जाते हैं।
36. “कर्म की
क्षमता प्राप्त करने के लिए बार-बार कर्ता ही की ओर
आँख उठती है।" इस वाक्य में
क्रिया के रूप में
किस काल का बोध होता
है
(A) सामान्य भूतकाल
(B) सामान्य वर्तमान
काल
(C) अपूर्ण वर्तमान
(D) आज्ञार्थ
वर्तमान
(A) व्याख्या - क्रिया के
जिस रूप से कार्य का
वर्तमान में होना पाया जाये। ऐसे वाक्यों के अंत में
ता है, ती है, ते
हैं इत्यादि शब्द आते हैं।
37. मनुष्य किसी बात में बढ़ा हुआ होने के कारण हमारे सम्मान का पात्र होता है। इस वाक्य में उद्देश्य कथन है
(A) पात्र
(B) मनुष्य
(C) बात
(D) सम्मान
(B) व्याख्या
जिसके बारे में कुछ कहा जाता है उसे उद्देश्य
कथन कहते है।
38. प्रेम में
घनत्व अधिक है और श्रद्धा
में विस्तार । इस वाक्य
में स्त्रीलिंग शब्द है
(A) प्रेम
(B) श्रद्धा
(C) विस्तार
(D) घनत्व
(B)
39. श्रद्धा का व्यापार-स्थल
विस्तृत है, प्रेम का एकांत ।
रेखांकित शब्द व्यापार-स्थल का अर्थ है
(A) महत्त्व
(B) क्षेत्र
(C) सघनता
(D) घनत्व
(B) व्याख्या
व्यापार का अर्थ होता
है-कार्य व स्थल का
स्थान । अतः व्यापार-स्थल का अर्थ होगा-क्षेत्र ।
40. समाज शब्द
है
(A) पुल्लिग,
एकवचन
(B) स्त्रीलिंग,
बहुवचन
(C) पुल्लिग,
बहवचन
(D) स्त्रीलिंग, एकवचन
(A)
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